॥ श्री हरि: ॥
आज की शुभ
तिथि – पंचांग
पौष शुक्ल,
चतुर्दशी,शुक्रवार, वि०
स० २०६९
भोगो पर आस्था, भोग पर विश्वास और भोगो में आसक्ति यदि है तो अशान्ति, दुःख और पाप ये तीन चीजे उसे मिलेंगी और आगे जाकर इसका फल होगा :-
‘नरकेअनियतं वास:’ (गीता १|४४),
‘प्रसक्ता: काम भोगेषु
पतन्ति नरकेसुचो’ (गीता १६ |२६)
जो काम और भोगो में आसक्त है, वे अशुचि नरकों
में गिरेंगे | यह जीवन का परिणाम है | यह नहीं चाहिये तो भगवान् में आस्था करो | भगवान् पर विश्वास करो | शरणागत हो जाओ, तब तुरंत अशान्ति मिट जायेगी | तुरंत दुःख मिट जायेंगे और जीवन में पाप होगा ही नही | सब भगवान्
की सेवा होगी | यहाँ सुख से रहे, शान्ति से रहे, निष्पाप
रहे और उसका फल होगा भगवान् के चरणों की प्राप्ति | मुक्ति की प्राप्ति, भोग की
प्राप्ति, भगवान् के दिव्यलोक की प्राप्ति, उनकी सेवा की प्राप्ति, कुछ भी
नाम दे | यह दोनों चीजे हमारे सामने है और ये दोनों चीजे हम
मानव-देह में कर सकते है | उसे करने
की शक्ति भगवान् ने हमे दी है | अब अपना
विचार, अपनी रुचि, अपनी
इच्छा, अपना ज्ञान काम आता है | इसलिए जिसको जो रुचिकर हो, वैसा ही
करे |
श्री
मन्न नारायण नारायण नारायण.. श्री मन्न नारायण
नारायण नारायण... नारायण नारायण नारायण....
नित्यलीलालीन श्रद्धेय भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार, कल्याण अंक,वर्ष ८६,संख्या १०,पृष्ट संख्या ९४० ,गीताप्रेस, गोरखपुर