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करने योग्य

करने योग्य
  1. 'भगवान् स्वभाव से ही दयालु और सुहृद है | भगवान् के मुज़्ह पर अहेतु कृपा बरसती रहती है | वे मेरे लिए जो कुछ भी फल विधान करते है , उसमे निश्चय ही मेरी आत्मा का परम कल्याण है | जो कुछ भी दुःख के रूप में आता है ,वह भगवान् का आशीर्वाद है और जैसे सोने को आग में तपा कर सुध किया जाता है, वैसे ही भगवान् दुखो में तपा कर मुझको सुध कर रहे है तथा अपने पास सदा के लिए बुला लेने की व्यवस्था कर रहे है | भगवान् मेरे है, भगवान् ही मेरे है और कुछ भी मेरा नहीं है | मुझे भगवान् कभी छोड़ते नहीं , छोड़ सकते नहीं | उन्होंने मुझको अपना बना लिया है | इश प्रकार दिन में कई बार निश्चय करना है' |
  2. 'हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे |
  3. हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||'
  4. इस नाम मन्त्र के १४ माला का जप रोज करना है | माला पर जप होने में सुभीता न हो तोह दिन भर में ढाई घंटा ( एकबार , या दो बार , या तीन बार ) में जप पूरा कर लेना चाहिए
  5. भगवान् के स्वरुप की पहले भलीभाती धारणा करके फिर धयान करना चाहिए |
  6. अपने पर भगवान् के महान कृपा समजह कर हर हालत में प्रसन्न रहना चाहिए | कभी न उदास होना चाहिए, न रोना |
  7. सबके साथ नम्रता का व्यवहार करना चाहिए तथा सहनशील बनना चाहिए |
  8. संसार के सम्बन्ध को नाटक के सम्बन्ध के तरह केवल खेल्मात्र मन्ना चाहिए , कभी राग, द्वेष, मोह नहीं करना चाहिए |
  9. जब जप-ध्यान में मन न लगे, तब अच्छी पुस्तके पढनी चाहिए तथा प्रत्येक काम को भगवान् के पूजा समजह कर करना चाहिए
***************************************************************** दुःख में भगवत कृपा , हनुमान प्रसाद पोद्दार , गीताप्रेस गोरखपुर, पुस्तक कोड ५१४ ****************************************************************

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